दिल हारा तो हार मिलेगी।
मौत खड़ी तैयार मिलेगी ॥
गर तूफ़ाँ की गर्दन पकड़ी ,
जर्जर कश्ती पार मिलेगी ॥
फूल गिरा गर तू डाली से ,
हर पत्ती लाचार मिलेगी ॥
ख़ून -पसीना अगर बहाया ,
क़िस्मत लालाज़ार मिलेगी ॥
मिलकर गर आवाज़ उठाओ ,
सहमी हर सरकार मिलेगी ॥
अकड़ उसी दिन ढीली होगी ,
वक़्त की जिस पल मार मिलेगी ॥
मौत खड़ी तैयार मिलेगी ॥
गर तूफ़ाँ की गर्दन पकड़ी ,
जर्जर कश्ती पार मिलेगी ॥
फूल गिरा गर तू डाली से ,
हर पत्ती लाचार मिलेगी ॥
ख़ून -पसीना अगर बहाया ,
क़िस्मत लालाज़ार मिलेगी ॥
मिलकर गर आवाज़ उठाओ ,
सहमी हर सरकार मिलेगी ॥
अकड़ उसी दिन ढीली होगी ,
वक़्त की जिस पल मार मिलेगी ॥
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