Monday, September 9

दिल हारा तो हार मिलेगी।
मौत खड़ी तैयार मिलेगी ॥

गर तूफ़ाँ की गर्दन पकड़ी ,
जर्जर कश्ती पार मिलेगी ॥

फूल गिरा गर तू डाली से ,
हर पत्ती लाचार मिलेगी ॥

ख़ून -पसीना अगर बहाया ,
क़िस्मत लालाज़ार मिलेगी ॥

मिलकर गर आवाज़ उठाओ ,
सहमी हर सरकार मिलेगी ॥

अकड़ उसी दिन ढीली होगी ,
वक़्त की जिस पल मार मिलेगी ॥ 

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