Friday, September 6

मशविरा है मुफ़्त में ये इसकी क़ीमत जानिए।
दूसरों की फ़िक्र क्या है अपनी बाबत जानिए ॥

क़ीमती काग़ज़ के टुकड़ों से बड़ा ईमान है ,
जो मिले ईमान से बस उसमें बरकत जानिए ॥

दूसरों को नापिएगा अपने क़द को देखकर  ,
आपको सहनी नहीं होगी ज़लालत जानिए ॥

इक हसीं कमसिन बला की डायरी -मज़मून से ,
लाल-नीली बत्तियों की हर शराफ़त जानिए ॥

राह में कुछ पल ठहरकर गुफ़्तगू कर लीजिए ,
ज़िंदगी फिर दे न दे इसकी इजाज़त जानिए ॥

वक़्त के आगे किसी की चल न पाई है कभी ,
इसके पल-पल में समाई कितनी ताक़त जानिए ॥

आप ख़ुद मिट जाएँगे अपनी जड़ों को खोदकर ,
किस क़दर महँगी पड़ेगी ये शरारत जानिए ॥ 

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