दिल है एक जुआरी देख।
हर ख़्वाहिश है हारी देख ॥
टूट गया पर झुका नहीं मैं ,
मेरी भी ख़ुद्दारी देख ॥
वक़्त पड़े पर मुँह मोड़े है ,
अबकी आपसदारी देख ॥
कोसे महँगाई को चूल्हा ,
महँगी है तरकारी देख ॥
हो सकता है पानी दे दे ,
पर नल है सरकारी देख ॥
गर पहिया ले सरके फ़ाइल ,
चैक जल्द हो जारी देख ॥
हर ख़्वाहिश है हारी देख ॥
टूट गया पर झुका नहीं मैं ,
मेरी भी ख़ुद्दारी देख ॥
वक़्त पड़े पर मुँह मोड़े है ,
अबकी आपसदारी देख ॥
कोसे महँगाई को चूल्हा ,
महँगी है तरकारी देख ॥
हो सकता है पानी दे दे ,
पर नल है सरकारी देख ॥
गर पहिया ले सरके फ़ाइल ,
चैक जल्द हो जारी देख ॥
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