हम कहाँ तन्हा रहेंगे रात भर।
दर्द आँखों से बहेंगे रात भर ॥
गुफ़्तगू लंबी चलेगी देखिए ,
दर्द कुछ , कुछ हम कहेंगे रात भर ॥
नींद तुमको भी कहाँ आ पाएगी ,
साथिया , गर हम जगेंगे रात भर ॥
इक तरन्नुम चाहिए बस प्यार का,
फिर ग़ज़ल - सा हम बहेंगे रात भर ॥
दर्द के अशआर लेकर आ गए ,
पीर दिल की अब कहेंगे रात भर ॥
सुबह की उम्मीद आँखों में सँजोए ,
हम जहाँ का ग़म सहेंगे रात भर ॥
दर्द आँखों से बहेंगे रात भर ॥
गुफ़्तगू लंबी चलेगी देखिए ,
दर्द कुछ , कुछ हम कहेंगे रात भर ॥
नींद तुमको भी कहाँ आ पाएगी ,
साथिया , गर हम जगेंगे रात भर ॥
इक तरन्नुम चाहिए बस प्यार का,
फिर ग़ज़ल - सा हम बहेंगे रात भर ॥
दर्द के अशआर लेकर आ गए ,
पीर दिल की अब कहेंगे रात भर ॥
सुबह की उम्मीद आँखों में सँजोए ,
हम जहाँ का ग़म सहेंगे रात भर ॥
No comments:
Post a Comment