Tuesday, November 5

पत्थर दिल से फूलों की फ़रियाद नहीं करते।
जो पीड़ा दे दिल को ऐसी बात  नहीं करते। ।

ये यादों की इक -इक गठरी खोल के रख देगी ,
तन्हाई में दिल से गुज़री बात नहीं करते। ।

पैसे चाहे थोड़े कम हों लेकिन याद रहे ,
घर आने में इतनी भी तो रात नहीं करते। ।

तन्हा होने पर जो साँसों को चुभती जाए ,
इतनी भी तो चाहत की बरसात नहीं करते। ।

प्यार ख़ुदा हो , चाहत ईमाँ , इश्क़ इबादत हो ,
वरना भूले से इनकी शुरुआत नहीं  करते। ।
 
                

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