Tuesday, November 19

वक़्त फिर धोखा करेगा ,क्या पता था।
बेवफ़ा पल -पल मिलेगा ,क्या पता था। ।  

जो कभी मेरा था, मुझको चाहता था ,
अजनबी बनकर मिलेगा ,क्या पता था। ।

प्यार से महका हुआ था कल तलक जो ,
वो शहर ऐसे जलेगा  ,क्या पता था। ।   

एक अंगुल भर जगह के वास्ते ही ,
ख़ून का दरिया बहेगा  ,क्या पता था। ।   

जी-हुज़ूरी भेड़ की क़िस्मत बनेगी ,
भेड़िया शासन करेगा  ,क्या पता था। ।   

मैं कभी ईमान ले आया था जिसपर ,
वो भरोसे को छलेगा ,क्या पता था। ।             

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