Wednesday, October 23

दिल थोड़ा जज़्बाती रखना।
ख़ुद को मीठी पाती  रखना।।

ग़ज़लों को अशआर मिलेंगे ,
तन्हाई को साथी रखना।।

वक़्त सलामी दे तुझको ,
ऐसा ही क़द-काठी रखना।।

नेक कमाई तो डर कैसा ,
गज़ भर चौड़ी छाती रखना।।

खाने की पहले से सोचो ,
वरना घर मत हाथी रखना।।

ख़ामोशी संग बातें होंगी ,
ख़ुद को ख़ुद का साथी रखना।।           

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