दिल थोड़ा जज़्बाती रखना।
ख़ुद को मीठी पाती रखना।।
ग़ज़लों को अशआर मिलेंगे ,
तन्हाई को साथी रखना।।
वक़्त सलामी दे तुझको ,
ऐसा ही क़द-काठी रखना।।
नेक कमाई तो डर कैसा ,
गज़ भर चौड़ी छाती रखना।।
खाने की पहले से सोचो ,
वरना घर मत हाथी रखना।।
ख़ामोशी संग बातें होंगी ,
ख़ुद को ख़ुद का साथी रखना।।
ख़ुद को मीठी पाती रखना।।
ग़ज़लों को अशआर मिलेंगे ,
तन्हाई को साथी रखना।।
वक़्त सलामी दे तुझको ,
ऐसा ही क़द-काठी रखना।।
नेक कमाई तो डर कैसा ,
गज़ भर चौड़ी छाती रखना।।
खाने की पहले से सोचो ,
वरना घर मत हाथी रखना।।
ख़ामोशी संग बातें होंगी ,
ख़ुद को ख़ुद का साथी रखना।।
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