Tuesday, June 9



सरस , सरल मनोहारी है।
अपनी हिंदी प्यारी है।।

मीठे शब्दों वाली है
यह फूलों की डाली है
भारत की पहचान लगे
हिंदी हिंदुस्तान लगे
अद्भुत शान हमारी है।
अपनी हिंदी प्यारी है।।

कबिरा का आखर ढाई है
तुलसी की चौपाई है
यह भावों की सरिता है
मीठी , मोहक कविता है
सुरभित है, उजियारी है। 
अपनी हिंदी प्यारी है।।

अक्षर रस  के छींटे हैं
शब्द शहद से मीठे हैं
यह मन में बस जाती है
जीवन को महकाती है
खिली -खिली फुलवारी है।
अपनी हिंदी प्यारी है।। 

5 comments:

  1. अति सुन्दर

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  2. आज ही आपकी आवाज़ में सुने इस गीत को नमन।
    हिंदी को शत शत नमन।

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  3. Nice,,plz matraonka geet share kijiye,

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  4. बहुत सुन्दर कविता

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  5. बहुत सुंदर कविता 🙏🙏

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