सच्चा शिक्षक
शब्द बहुत
गरिमामय शिक्षक, पावनता में
है आकाश।
इसमें मर्यादा का सागर,
इसमें सच्चाई का
वास।।
'श' से
शिष्टाचार बना है,
'क्ष' से क्षमाशील
होता है।
'क' कर्तव्य
सिखाकर सच्चा, मन में
कर्मठता बोता है।।
शिष्ट आचरण , क्षमाशीलता,
कर्मठता जो अपनाता
है।
सही अर्थ
में वह योगी
ही, सच्चा शिक्षक
कहलाता है ।।
शिल्पकार होता है
शिक्षक, देता है आकार
देश को।
शिष्यों को सद्गुण
से भरकर, देता
नव आधार देश
को ।।
गुण बहुतेरे
इसमें आते , क्षमाशीलता
जैसे गुण से।
सच्चा शिक्षक सदा
बचा है, स्वार्थ-लोभ जैसे
अवगुण से।।
कर्मशील, कर्तव्यपरायण, कार्यकुशल,
कर्मठ होता है।
युग को
प्रगति-पथ ले
जाता, यह पुनीत
इक रथ होता
है।।
यह होता
है धुरी देश
की , इसपर देश
गर्व करता है।
नैतिक जीवन मूल्य
देश में , सच्चा
शिक्षक ही भरता
है ।।
यह व्यवसाय
बहुत पावन है,
गौरवान्वित ख़ुद को
मानें।
समझें ख़ुद को
युग-निर्माता, ख़ुद
को सच्चा नायक
जानें ।।
ऐसे पावन,
पूजित पद को,
शत- शत बार
नमन करना है।
जब-जब जन्मूँ इस धरती पर, मुझको शिक्षक ही
बनना है।।
-डॉ. विनोद 'प्रसून'
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