Tuesday, April 7



तुम्हारी याद है ख़ुशबू हवा के साथ बहती है।
मेरी दीवानगी पहरों तुम्हीं  से बात करती है। । 

उदासी लाख हों लेकिन चहकती हैं तमन्नाएँ ,
तुम्हारी इक  नज़र जब भी मुझे छूकर गुज़रती है । ।

महकती  आरज़ू जी भर करे है गुफ़्तगू दिल से ,
मुहब्बत मुस्कराकर रूह में जिस पल उतरती है । ।

हमें कब इल्म था पहले लगाया दिल तभी जाना ,
क्यूँ धड़कन बावरी होकर किसी का दर्द सहती है। ।
 
 
 
 
  

       

 

No comments:

Post a Comment