ख़ूबसूरत तेरा मुस्कुराना लगे।
ये मेरी आरज़ू का ठिकाना लगे ॥
तू जो शर्माए तो एक ग़ज़ल -सी लगे ,
कुछ कहे बुलबुलों का तराना लगे ॥
तोड़ने के लिए एक पल है बहुत ,
रिश्ता गर जोड़िए तो ज़माना लगे ॥
तेरा हर इक बहाना मुझे सच लगे ,
मेरा सच भी तुझे इक बहाना लगे ॥
गर पढूँगा तो साँसें महक जाएँगी ,
तेरा ख़त ख़ुशबुओं का ख़ज़ाना लगे ॥
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