Sunday, August 14



सत्तरवें स्वतंत्रता दिवस की सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएँ !! 


आज़ादी का यह पुनीत दिन

आज़ादी का यह पुनीत दिन, क्या कहता है जानो ।
राष्ट्रप्रेम के उज्ज्वल दर्पण में खुद को पहचानो ।।

विश्व-क्षितिज पर अपना भारत ध्रुवतारे-सा चमके। 
दया-प्रेम की किरणें लेकर यह दिनकर-सा दमके ।।

पंथ कठिन है, समय कठिन है, अतः सँभल कर चलना। 
बुरे विचारों की ज्वाला से बचकर आप निकलना ।।

ऐसा भारत हो, जिसमें न चले द्वेष की आंधी। 
हिंसा की होली जल जाए , घर- घर में हों गाँधी।। 

रामकृष्ण से गुरुवर हों , जो शिक्षा-दीप जलाएँ । 
शिष्य विवेकानंद जैसे हों , जो कर्त्तव्य निभाएँ ।।

विश्व- भाईचारे के भावों से सारे मन महकें। 
भारत के तरुवर पर सारे जग के पंछी चहकें।। 

अपना हर कर्तव्य  निभाएँ, मिलकर क़दम बढ़ाएँ । 
राष्ट्रधर्म का मधुर तराना ,हर्षित होकर गाएँ।।

संकल्पित हैं एक कंठ से कहदो नभ गुंजित हो । 
जिससे अपनी देश-वाटिका , खिले और सुरभित हो ।।
                                            
                                                 डॉ. विनोद 'प्रसून'