Tuesday, January 21


चाहत  के मौसम उजियाले , याद बहुत आए।
दिल ने जो भी दर्द सँभाले ,  याद बहुत आए। ।

वक़्त हमें ले आया तुमसे दूर बहुत लेकिन ,
मिलकर जो भी सपने पाले ,याद बहुत आए। ।

क़िस्मत चाहती तो हम दोनों एक हुए होते ,
पर क़िस्मत ने बदले पाले ,याद बहुत आए। ।

अब जब हल्की-सी गर्मी में बेचैनी पाई ,
दादा के पाँवों के छाले ,याद बहुत आए। ।

दिन में पहरेदारी लेती जब देखी कोठी ,
घर जो देखे थे बिन ताले ,याद बहुत आए। ।

स्वीमिंग से स्किन इंफैक्शन की जब बात सुनी ,
उस पल वो बरसाती नाले,याद बहुत आए। ।